रविवार, 26 नवंबर 2017

अटलांटिक के उस पार - ३

उत्तरी अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में स्थित टेक्सास राज्य है, और डैलस उसके मैदानी भाग में बसा हुआ एक बड़ा शहर है, जिसका केंद्र (डाउनटाउन) भी खूबसूरत गगनचुम्बी चमकीली इमारतों से भरा हुआ है. सडकों व बहुमार्गी जगहों पर ऊंचे-नीचे फ्लाईओवर्स के अनेक जाल हैं. शहर की बस्तियों में तथा सडकों के किनारों पर पेड़ों की कतारें हैं, पर यहाँ के पेड़ नाटे कद के लगते हैं. यहाँ पर अनेक विशाल सरोवर हैं, और जैसा की यहाँ का शुगल है, उन्हें चारों और से संवार कर दर्शनीय बनाया गया है. विद्युत् प्रकाश की भी अदभुत सजावट है, विशेषकर अब जब ईस्टर के बाद क्रिसमस की सजावट शुरू हो चुकी है. सर्वत्र सुन्दरता बिखरी हुई लगती है. चारों तरफ देखकर यूरोप की यह उक्ति याद आती है कि "Rome was not built in a day."

डलास के चारों और बसी बड़ी बड़ी बस्तियों को suburb कहा जाता है. ये अनेक cities में विभाजित हैं. हम अपने सुहृदों की जिस बस्ती में आये हैं, उसका नाम है Flower Mound, और कालोनी का नाम है Grand Park Estate. इस कालोनी में 90 घर हैं, और मुझे बताया गया है कि लगभग 55 घर भारतीय मूल के लोगों के हैं. जैसा कि परदेस में आम तौर पर होता है एक मुल्क के लोग किसी ना किसी बंधन (formal /informal bond) से आपस में जुड़े रहते हैं. यहाँ आने पर 11 नवम्बर को हम भारतीय समाज के एसोसिएशन द्वारा Marcus High School, Flower Mound के विशाल आडीटोरियम में आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें अनुपम साज-सज्जा के साथ भारतीय नृत्य+संगीत में सरोबर पाकर अतीव आनंदित हुए. इसी कार्यक्रम में भाग लेने वालों के लिए भारतीय व्यंजन भी उपलब्ध थे. इस प्रकार के ‘मिनी हिन्दुस्तान पॉकेट्स’ बरबस अपने घर-गाँव की याद दिलाते हैं. ऐसा लगता है की ये भारतीय मूल के बच्चे जो यहीं पर पल-बढ़ रहे हैं,  अपनी जड़ों से कट जायेंगे, परन्तु आज के विश्वीकरण के युग में, ये बच्चे विश्वनागरिक बन जायेंगे. उन्हें यहाँ अपनी क्षमता के अनुसार पूर्ण विकास के और अपने सपने साकार करने के सभी अवसर मिलेंगे। आशा करता हूँ कि ये बच्चे, देश, काल, और परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल कर मानवीय व तकनीकी विकास में अपना योगदान देंगे. 

मेरे देशाटन के अगले पायदान पर आप पढेंगे टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन के निकट स्व. कृपालु जी महाराज द्वारा बसाया गया एक और बरसाना.
क्रमश:
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1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (27-11-2017) को "अकेलापन एक खुशी है" (चर्चा अंक-2800) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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